Thursday, August 22, 2019

श्री कृष्ण की नटखट बाल लीला

आप लोग तो जानते ही होंगे कि भगवान कृष्ण को माखन खाना बहुत पसंद था। कृष्ण के माखन चोरी करने के कारण उनकी मां के साथ-साथ वृंदावन के सभी लोग कृष्ण के माखन चोरी के कारण तंग आ जाते थे।  भगवान कृष्ण की माता यशोदा माखन की मटकी को छत के ऊपरी भाग में लटका कर रखती थी जिससे की कृष्ण वहां तक ना पहुंच पाए और माखन को चोरी करके ना खा पाए।।


 एक बार कुछ जरूरी काम से यशोदा मां घर छोड़कर गई। उस समय कृष्ण अपने सभी मित्रों को वहां लेकर आए। उनकी मदद से वह माखन की मटकी तक पहुंचे और माखन के मटकी को तोड़कर सारा माखन खा गए। उसी समय वहां यशोदा मां पहुंच गए।। कृष्ण के सभी साथि भाग गए परंतु कृष्ण वहीं रह गए। उसके बाद कृष्ण को यशोदा मां से अच्छी डांट पड़ी।।

श्री कृष्ण का गोविन्द नाम क्यों पडा़


     
एक दिन भगवान कृष्ण के पास एक कामधेनु नामक गाय स्वर्ग से पहुंची उस गाय ने कृष्ण को बताया कि वह देव लोक से उनका अभिषेक करने आई है। क्योंकि कृष्ण पृथ्वी पर गायों की रक्षा कर रहे हैं।।




 उस गाय ने कृष्ण को पवित्र जल से नहलाया और उनका दिल से शुक्रिया अदा किया। उसी समय भगवान इंद्र अपने हाथी ऐरावत पर विराजमान होकर वहां प्रस्तुत हुए और उन्होंने श्रीकृष्ण को आशीर्वाद दिया और कहा कि आपके इन पुण्य कार्यों के लिए पूरे विश्व के लोग आपको गोविंद के नाम से जानेंगे।।*

*जय श्री कृष्णा*

Wednesday, August 21, 2019

श्री कृष्ण जन्माष्टमी

एक बार धरती माता बहुत दुखी हुई। कंस जैसे बहुत से असुरो ने धरती माँ को बहुत परेशान किया। धरती पर पाप बढ़ गया। पृथ्वी ने गऊ का रूप बनाया और आँखों में आंसू लिए ब्रह्मा के पास गई और कहा बेटा,ब्रह्मा मेरे ऊपर पाप बहुत बढ़ गया है।। और मैं पाप से दबी जा रही हूँ। ब्रह्मा जी बहुत दुखी हुए और भगवन विष्णु के पास क्षीर-सागर गए। ब्रह्मा जी के साथ सारे देवता और भगवान शिव भी थे। भगवान विष्णु कि सबने स्तुति की।। भगवान कि आकाशवाणी सुनाई दी। ब्रह्मा बोले कि देवताओ मुझे भगवान कि आज्ञा हुई है।। कि मैं जल्दी ही धरती पर देवकी और वसुदेव के पुत्र के रूप मैं जन्म लूंगा और मेरा साथ श्री बलराम जी और राधा जी भी अवतार लेंगे। और तुम अपने अपने अंशो से जाकर यादव कुल में अवतार धारण करो। सब देवताओ ने भूरि-भूरि प्रशंसा कि है।।
एक दिन यशोदा अपने कान्हा को नन्द भवन में दूध पिला रही थी। माँ अपने लाला का मुख देख रही है। और बहुत प्यार कर रही है।। भगवान ने देखा की आकाश में तृणावर्त नाम असुर चक्कर लगा रहा था। ये आंधी के रूप में आया था।। भगवान ने जब देखा तो भगवान समझ गए ये मुझे माँ की गोदी से आकाश में ले जायेगा। यदि मैं माँ की गोदी में लेटा रहा तो कहीं माँ को भी ये साथ ना ले जाये आकाश में।। मैं माँ को सम्भालुंगा या खुद को भगवान ने अपने वजन को बढ़ाना शुरू कर दिए। इतना वजन बढ़ा लिए की माँ से गोदी में रखा ही नहीं गया। माँ सोचने लगी की मेरो लाला फूल से हलको है।। लेकिन आज क्या हो गया की मैं इसे उठा भी नही पा रही हूँ। माँ ने झट भगवान को उठाकर पृथ्वी पर लिटा दिया।। उसी समय तेज आंधी चली और चारों ओर अन्धकार ही अन्धकार छा गया। तुरंत तृणावर्त ने भगवान को अपनी गोद में लिया ओर आकाश में उड़ गया । भगवान तृणावर्त के साथ युद्ध करने लगे। अंत में भगवान ने अपने कर कमलो से तृणावर्त का कंठ पकड़ा ओर दबा दिया। इस तरह भगवान ने तृणावर्त का उद्धार कर दिये।।

Ram bhajan lyrics

कोर्ट फैसला जो भी दिया है उसका सब सम्मान करो कौसल्या नन्दन राम लला के मन्दिर का निर्माण करो जब जब जब जब कोई फैसला होता होती सत्यजीत सदा ...